बेटी बनके आई हु मा-बाप के जीवन में,बसेरा होगा कल मेरा किसी और आँगन में,
क्या ये रित खुदा ने बनाई होगी....
कहते है आज नहीं तो कल तू परे होगी,
देके जन्म पाल-पोश कर जिशने हमें बड़ा किया,
और वक्त आया तो उन्ही हाथो ने हमें विदा किया...
टूट के बिखर जाती है हमारी जिंदगी वही,
पर उस बंधन में प्यार मिले जरुरी तो नहीं,
क्यों रिश्ता हमरा एसा अजीब होता है,
क्या बस यही हम बेटियों का नशीब होता है...
क्या ये रित खुदा ने बनाई होगी....
कहते है आज नहीं तो कल तू परे होगी,
देके जन्म पाल-पोश कर जिशने हमें बड़ा किया,
और वक्त आया तो उन्ही हाथो ने हमें विदा किया...
टूट के बिखर जाती है हमारी जिंदगी वही,
पर उस बंधन में प्यार मिले जरुरी तो नहीं,
क्यों रिश्ता हमरा एसा अजीब होता है,
क्या बस यही हम बेटियों का नशीब होता है...