Wednesday, February 22, 2012

जब तक तुम्हें न देखूं!
दिल को करार नहीं आता!
अगर किसी गैर के साथ देखूं!
तो फिर सहा नहीं जाता!

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है!
दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!

इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं!
गम – ऐ – जुदाई से सब डरते हैं
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत!
हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!


1 comment:

  1. सुन्‍दर अभिव्‍यक्ति, हिन्‍दी में निरंतर लिखती रहे... स्‍वागत.

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