Sunday, April 15, 2012

zindagi - kuch khatti kuch mitti

लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मीलता
शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता


किस्मतवालों को ही milati है पनाह कीसी के dil में
यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं milata


अपने सायें से भी ज़यादा यकीं है मुझे तुम पर
अंधेरों में तुम तो mil जाते हो, साया नहीं milata


इस बेवफ़ा zindagi से शायद मुझे इतनी मोहब्बत ना होती
अगर इस ज़िंदगी में दोस्त कोई तुम जैसा नहीं milata

भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!
मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,
क्योकि दोस्त कहना ही दोस्ती नहीं होती.

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